
खरगोन बस हादसे पर एक्शन : RTO अफसर सस्पेंड, घटना में हुई 22 यात्रियों की मौत
मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में हुए बस हादसे में 22 यात्रियों की मौत के मामले में जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने लापरवाही बरतने वाली आरटीओ अफसर बरखा गौरे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही इस मामले में कलेक्टर-एसपी को मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए हैं। इसके बाद प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने जिला अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने हादसे में हुए यात्रियों का हालचाल जाना साथ ही, उन्हें सरकार की ओर से हर संभव मदद मुहैय्या कराने का आश्वासन भी दिया।
मंत्री कमल पटेल ने कहा कि, इस हादसे में आरटीओ अफसर की लापरवाही सामने आई है। विभाग को ओवरलोडिंग बसों की चेकिंग करना चाहिए थी। 35 सवारी की जगह बस में 67 सवारी बस में सवार थी, जिसका नतीजा 22 लोगों को जान गवाकर भुगतना पड़ा। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है। घायलों को 50-50 हजार और हादसे में जान गवाने वालों के परिजन को 4 - 4 लाख रुपए मुआवजा राशि सरकार की ओर से दी जाएगी।
घायलों से मिलने अस्पपताल हुंचे प्रभारी मंत्री
आपको बता दें कि, मां शारदा ट्रैवल्स की बस इंदौर जा रही थी। इसी दौरान डोंगरगांव और दसंगा के बीच बस बोराड़ नदी पर बने पुल की रेलिंग तोड़कर बस नीचे जा गिरी। हादसे में अब तक 22 यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है। वहीं, करीब 25 से अधिक यात्री घायल हैं। इनमें से 12 की हालत गंभीर होने के कारण इंदौर रेफर किया गया है। ये दर्दनाक हादसा मंगलवार की सुबह साढ़े आठ से 9 बजे के बीच हुआ है।
लापरवाही सामने आने के बाद ये RTO अफसर सस्पेंड
वहीं, दूसरी तरफ मामले पर परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि, शुरुआती जांच में सामने आया कि, बस की स्पीड तेज नहीं थी। पुल का सकरा होना हादसे का कारण बना है। बस का फिटनेस जांच बी हुई, जिसमें सबकुछ ठीक पाया गया। बस मेंक्षमता से अधिक यात्री सवार भी सवार नहीं थे। उन्होंने बताया कि, हादसे में जान गवाने वाले अधिकतर यात्री खरगोन जिले के हैं और अन्य बड़वानी जिले के हैं। फिलहाल, जांच के बाद हादसे की मूल वजह का खुलासा हो सकता है।
Published on:
09 May 2023 06:51 pm
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